गुलामगिरी ॥ आधुनिक भारत के हर घर में क्यों होनी चाहिए ॥ किताबों की पाठशाला Ep. 1 ॥ Dr. Laxman yadav

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Published 2021-04-11
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'सामाजिक न्याय' असल मायने में राष्ट्र निर्माण की अनवरत गतिशील प्रक्रिया का प्रतिनिधि व मुक़म्मल विचार है. सामाजिक न्याय के असल मायने हैं- सामाजिक, आर्थिक व लैंगिक न्याय. यानी सामाजिक न्याय का मतलब है हर किस्म की अलहदा पहचान के साथ उसके हिस्से का पूरा न्याय. हर तरह की हक़मारी के ख़िलाफ़ सम्पूर्ण न्याय का हिमायती विचार है 'सामाजिक न्याय.' इस विचार को उसकी समग्रता में सहेजने की कोशिश है- 'सामाजिक न्याय की पाठशाला.'

'सामाजिक न्याय की पाठशाला' के ज़रिए राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सामाजिक न्याय के ऐतिहासिक पन्नों को नयी पीढ़ी ले लिए नए फॉर्मेट में सहेजने की कोशिश की जा रही है. इस बार इस पाठशाला में दो मुख्य अध्याय होंगे, व्यक्तित्वों की पाठशाला और किताबों की पाठशाला. आज ज्योतिबाफुले पर इन दोनों की शुरूआत हो रही. इसी पैटर्न पर इस सिलसिले को अब आगे धारावाहिक रूप में चलाते रहने की कोशिश की जाएगी.

वैचारिक चुनौतियों को वैचारिक ज़मीन पर ही स्वीकारा जा सकता है. अमानवीय, विभाजनकारी, प्रतिगामी, अवैज्ञानिक, अन्यायी व हिंसा पर आधारित विचारों को मानवीय, समावेशी, प्रगतिशील, वैज्ञानिक, न्यायप्रिय व अहिंसक मोहब्बत के विचारों से ही शिकस्त दी जा सकती है. कोई भी सामाजिक, सांस्कृतिक समावेशन की लड़ाई स्पष्ट वैचारिकी के लड़ी ही नहीं जा सकती.

एक मुक़म्मल विचार पर खड़ा देश व समाज ही स्थिर, न्यायप्रिय व प्रगतिशील हो सकता है. 'सामाजिक न्याय की पाठशाला' का मक़सद सामाजिक न्याय पर आधारित देश व समाज बनाने में अपनी भूमिका निभाना है. इतिहास का समग्र पाठ रचना है. अगर आप भी इस पाठशाला के नियमित पाठक बनना चाहते हैं, तो आज ही मेरे चैनल तक घूम आइए. काम अच्छा व ज़रूरी लगेगा, तो आप बिना कहे जुड़ ही जाएंगे.

#सामाजिक_न्याय_की_पाठशाला

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डॉ. लक्ष्मण यादव

दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाला एक अस्थाई (एडहॉक) असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हूँ. सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक मसलों पर सोचना, समझना, पढ़ना, लिखना, बोलना और बातें करना अच्छा लगता है. सामाजिक न्याय की वैचारिकी से बेहद प्रभावित हूँ. सामाजिक न्याय के भीतर आर्थिक और लैंगिक न्याय को मानता हूँ. न्याय, समता पर आधारित मोहब्बत की दुनिया का ख़्वाब देखता हूँ. अगर आप भी मेरे हमख़्वाब होना चाहते हैं, तो मुझसे जुड़िये.

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All Comments (21)
  • डा लक्ष्मण यादव ने एक महान कार्य शुरू किया है।बधाई हो।
  • @yadavpurnamasi.
    डाॅ. लक्ष्मण यादव सर। आपके जैसे विद्वान सही में विद्वान कहलाने के लिए लायक हैं। क्योंकि आपके जैसे लोग केवल ज्ञान के लिए पढ़ते नहीं है बल्कि अपने समाज में जो दलित, वंचित और शोषित हैं उनको वैज्ञानिक सोच और समझ से जागरूक बनाते हैं। जय भीम 🙏🙏🙏🙏 जय मंडल🙏🙏🙏🙏
  • राष्ट्रपिता महात्मा फूले जी एवं शिक्षा की देबी- माता सबितरी बाई फुले जी को शत् शत् नमन्।
  • @baldevrathod8006
    हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है बहुजन क्रांति के कार्य में डा. लक्ष्मण यादव सर का योगदान बहुमूल्य है उन्हें पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा आप बहुजन मूवमेंट के आधारस्तम्भ हो आपको कोटि कोटि धन्यवाद सलाम नमस्ते जय भीम जय जोहार जय संविधान नमो बुद्धाय इंकलाब जिंदाबाद
  • @wamanmore6641
    उत्तर प्रदेश ,,बिहार,के लोग जागृत हो रहे हैं । म,जोतिबा फुलेऔर विश्व रत्न बाबासाहेब इनके विचार धारा पर चलना सिखों और ब्राह्मण धर्म के गुलाम गिरी से आजाद हो जावो ।
  • राष्टपिता ज्योतिवा फुले के जन्मदिन पर उनकी पुस्तक( बहुजनों का धर्मग्रन्थ) गुलामगिरी का परिचय कराने के लिए आपको बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनाये। नमो बुद्धाय,जय फुले,जय पेरियार,जय संविधान
  • आप जो ये समाज को जागरूक करने का नेक कार्य कर रहे हैं, उसके लिए मैं आपको दण्डवत प्रणाम करता हूं। 🙏🙏🙏
  • Dr. Yadav Sir! आप से बहुजन समाज को जो देश मे 80% है, आशा है की Ambedkar विचार धारा आगे ले जाओंगे.Jaibhim
  • जय ज्योतिबा फुले जय भीम जय संविधान।गुलामगिरी पढ़कर और इससे सीख लेकर ब्राम्हणके जाल से निकलने में मदद मिलेगी।सर आप के माध्यम से यह सब चीजें जानने को मिल रही है यह हम लोगों के लिये बहुत बड़ी शिक्षा है समानता की लड़ाई लड़ने के लिये।
  • @kedaryadav7334
    डा० लक्ष्मण साहब आपका प्रस्तुति काफी आकर्षक और प्रेरणादायी है। आपका आभार ।
  • लक्ष्मण सर मैं आपको नमन करता हूं। आप हम बहुजनों को मानसिक गुलामी से आजादी दिला रहे हैं।🙏💙 जय भीम दोस्तो।
  • @skkumar2387
    बहुत अच्छा लगा dr साहब आपकी स्पीच से बहुजनों के जागने को स्पीड बढ़ गई है जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी
  • @opsingh1532
    यादव साहब मैं आशा करता हूँ कि आप एक एक करके इसी तरह सभी बहुजन चिंतकों के द्वारा लिखी कितबों के ज्ञान को अपने प्रेमियों को देते रहेंगे जय भीम, जय मूलनिवासी, जय संबिधान
  • प्रोफेसर साहब अच्छा लगा आपको इस कदर पाखण्ड से मुक्त देखकर
  • समाज को जागरूक करने वाले महापुरुषों को शत् शत् नमन।
  • लल्क्षमण यादव जी समाज को जागरूक करने के लिए आपको कोटि कोटि नमन।
  • समय की मांग के अनुरूप किसान आंदोलन करने वाले कुछ धनिकों से अनुरोध करना चाहता हूँ...... गुलामगिरी पुस्तक को निःशुल्क उपलब्ध कराकर गरीब किसानों को पढ़ने के लिए बंटवाई जाय। आज के समाज मे इस पुस्तक की उतनी ही आवश्यकता है जितनी इसके प्रथम प्रकाशन के समय थी।
  • प्रोफेसर डॉ लक्ष्मन यादव सर को क़िताबों की पाठशाला एपिसोड बनाने के लिए मैं आभार प्रकट करता हूँ
  • @sukhchand1485
    बहुत बहुत आभार सर जी 🙏🙏 गुलामगिरी सचमुच सभी दलितों को पढ़नी चाहिए।आपके जज्बे को सैल्यूट सर।
  • लक्ष्मण भाई क्रांतिकारी जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय बहुजन समाज को जगाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद